Not known Factual Statements About Shodashi
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दिव्यौघैर्मनुजौघ-सिद्ध-निवहैः सारूप्य-मुक्तिं गतैः ।
ऐं क्लीं सौः श्री बाला त्रिपुर सुंदरी महादेव्यै सौः क्लीं ऐं स्वाहा ह स क ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं ॐ ह स क ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं
॥ इति श्रीत्रिपुरसुन्दरीस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥
प्राण प्रतिष्ठा में शीशा टूटना – क्या चमत्कार है ? शास्त्र क्या कहता है ?
पद्मालयां पद्महस्तां पद्मसम्भवसेविताम् ।
It is actually an encounter in the universe in the unity of consciousness. Even within our regular point out of consciousness, Tripurasundari is definitely the elegance that we see on the planet all-around us. What ever we perceive externally as attractive resonates deep within just.
यह शक्ति वास्तव में त्रिशक्ति स्वरूपा है। षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना कितनी महान साधना है। इसके बारे में ‘वामकेश्वर तंत्र’ में लिखा है जो व्यक्ति यह साधना जिस मनोभाव से करता है, उसका वह मनोभाव पूर्ण होता है। काम की इच्छा रखने वाला व्यक्ति पूर्ण शक्ति प्राप्त करता है, धन की इच्छा रखने वाला पूर्ण धन प्राप्त करता है, विद्या की इच्छा रखने वाला विद्या प्राप्त करता है, यश की इच्छा रखने वाला यश प्राप्त करता है, पुत्र की इच्छा रखने वाला पुत्र Shodashi प्राप्त करता है, कन्या श्रेष्ठ पति को प्राप्त करती है, इसकी साधना से मूर्ख भी ज्ञान प्राप्त करता है, हीन भी गति प्राप्त करता है।
In case the Shodashi Mantra is chanted with a clear conscience as well as a determined intention, it may make any want occur true for you.
The iconography serves like a focal point for meditation and worship, permitting devotees to connect Along with the divine Electrical power from the Goddess.
She's depicted like a sixteen-yr-old Female by using a dusky, crimson, or gold complexion and a 3rd eye on her forehead. She is probably the 10 Mahavidyas and it is revered for her beauty and ability.
Goddess Tripura Sundari is also depicted as being a maiden carrying fantastic scarlet habiliments, dark and extensive hair flows and is totally adorned with jewels and garlands.
केयं कस्मात्क्व केनेति सरूपारूपभावनाम् ॥९॥
तिथि — किसी भी मास की अष्टमी, पूर्णिमा और नवमी का दिवस भी इसके लिए श्रेष्ठ कहा गया है जो व्यक्ति इन दिनों में भी इस साधना को सम्पन्न नहीं कर सके, वह व्यक्ति किसी भी शुक्रवार को यह साधना सम्पन्न कर सकते है।
॥ अथ त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः ॥